विद्युतकार व्यवसाय का परिचय | Vidyutkar Vyavsay Ka Parichay

विद्युतकार व्यवसाय का परिचय, महत्व, सुरक्षा, सावधानियां एवं प्राथमिक उपचार

    
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विद्युतकार व्यवसाय परिचय| Vidyutkar Vyvsay ka parichya
विद्युतकार व्यवसाय का परिचय

Table of Contents

विद्युत क्या है ?

विद्युत एक प्रकार की ऊर्जा है जिसे उसके अनुप्रयोगों द्वारा अनुभव किया जा सकता है। अन्य ऊर्जाओं की भांति इस उर्जा को भी अन्य ऊर्जा ओं के रूपांतरण द्वारा प्राप्त किया जा सकता है।

ऊर्जा संरक्षण के नियम अनुसार

” उर्जा को ना तो उत्पन्न किया जा सकता है’ और ना ही इसे नष्ट किया जा सकता है”। इसे तो बस एक रूप से दूसरे रूप में परिवर्तित किया जा सकता है।

विद्युतकार किसे कहते हैं ?

विद्युत द्वारा चलित मशीनों का निर्माण, अनुरक्षण और मरम्मत का कार्य करने वाला कारीगर “विद्युतकार” कहलाता है। अथवा “व्यवसायिक प्रशिक्षण की वह शाखा जिसमें विद्युत चलित उपकरणों का निर्माण अनुरक्षण और मरम्मत का प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। “विद्युतकार” कहलाती है।

वास्तव में विद्युत कार्य एक बहुमुखी प्रति भावाला कारीगर है जो वर्तमान में समाज तथा उद्योगों का एक आवश्यक अंग बन चुका है।

विद्युतकार व्यवसाय का महत्व क्या होता है ?

जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में वैद्युतीक ऊर्जा उपयोग में लाई जाती है अत: प्रत्येक व्यक्ति को भी विद्युत का प्रारंभिक ज्ञान होना आवश्यक है। एक अच्छा विद्युतकार ‘विभिन्न विद्युत उपकरणों का “मास्टर” होता है। अतः विद्युतकारों की आवश्यकता सदैव बनी रहेगी। यह एक महत्वपूर्ण व्यवसाय है और इसका भविष्य उज्जवल है।

विद्युत संबंधी होने बाली दुर्घटनाओं के कारण

विद्युत संबंधी होने वाली दुर्घटनाओं के निम्न कारण हो सकते हैं-

  1. खतरे के प्रति सतर्क ना रहना।
  2. सुरक्षा के प्रति लापरवाह होना।
  3. कार्य के प्रति गंभीर ना होना ।
  4. ओजारो का सही उपयोग ना होना ।
  5. सुरक्षात्मक सावधानियों का ज्ञान ना होना ।
  6. सुरक्षात्मक चिन्हों का ज्ञान ना होना ।
  7. कार्यशाला में समुचित प्रकाश का ना होना ।
  8. कार्यशाला में स्वच्छ भाइयों का आवागमन ना होना ।

कार्यशाला में कार्य करते किन-किन सुरक्षा सावधानियों पर ध्यान होना चाहिए?

कार्यशाला में कार्य करते समय निम्न सुरक्षा सावधानियों पर ध्यान होना चाहिए-

  1. कार्यशाला में उपयुक्त ड्रेस पहनकर ही जाएं।
  2. सुरक्षा चिन्हों का अनुपालन जरूर करें ।
  3. प्रत्येक कार्य के लिए सही औजार का सही तरीके से उपयोग करना चाहिए।
  4. किसी “मेन स्विच” को ऑन करने से पहले यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि संबोधित लाइन पर कोई व्यक्ति कार्य तो नहीं कर रहा है ।
  5. वर्कशॉप में कार्य करते समय ढीले ढाले कपड़े और चप्पल पहनकर कार्य नहीं करना चाहिए अपितु मजबूत टाइट कपड़ा तथा फंसे हुए जूते पहनना चाहिए।
  6. फ्यूज वायर बदलते समय मेन स्विच “ऑफ” कर देना चाहिए।
  7. सभी दस्ती औजार “इंसुलेटेड” होना चाहिए ।
  8. सीढ़ी पर कार्य करते समय एक सहायक आवश्यक साथ में रखना चाहिए।
  9. पोल या टावर पर कार्य करते समय “टूल किट” साथ में रखना चाहिए ।

विद्युत संपर्क में आया किसी व्यक्ति को छुडाने के लिए क्या करना चाहिए?

विद्युत के संपर्क में आए किसी व्यक्ति को छुड़ाने के लिए हमें निम्न बातों को करना चाहिए।

  1. मशीन अथवा उपकरण के मेन स्विच को बंद कर देना चाहिए अथवा विद्युत लाइन के मेन स्विच को बंद कर देना चाहिए।
  2. यदि वह कार्य कर पाना संभव ना हो तो स्वयं रबर की चटाई, सूखी लकड़ी की वस्तु या प्लास्टिक की मोटी वस्तु पर खड़े होकर पीड़ित को खींचना चाहिए।
  3. ध्यान रखें कि विद्युत संपर्क से छुड़ाते समय पीड़ित झटके से भूमि पर ना गिरे पाए और उसे अधिक चोट ना लगे।

विद्युत झटका लगने से होने वाली शारीरिक क्षतिया कौन-कौन से हैं?

  1. शरीर पर छाले पड़ सकते हैं।
  2. किसी अंग का मांस जल सकता है ।
  3. रक्त अंदर से काला पड़ सकता है ।
  4. सांस लेने में रुकावट उत्पन्न हो सकती है।
  5. हृदय गति रुकने से व्यक्ति की मौत भी हो सकती है ।

प्राथमिक उपचार किसे कहते हैं ?

किसी दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को डॉक्टर के आने से पहले किया जाने वाला उपचार “प्राथमिक उपचार” कहलाता है। इसके लिए वर्कशॉप में “फर्स्ट एंड बॉक्स” में स्ट्रेचर आदि वस्तुएं उपलब्ध होनी चाहिए।

विद्युतकार औजारों का परिचय, औजारों का वर्गीकरण, महत्वपूर्ण औजारों के

विद्युतकार के औजार | Vidyutkar Ke Aujar

विद्युतकारों के औजारों का परिचय | Vidyutkar Ke Aujaro ka Prichay

प्रत्येक कारीगर के लिए औजार ही उसके हाथ पैर होते हैं। बिना औजारों के उसके लिए किसी भी प्रकार का निर्माण कर पाना कठिन होता है। अतः प्रत्येक पर प्रशिक्षार्थी और कारीगर के पास उच्च गुणवत्ता वाले औजार तथा उनका ज्ञान होना चाहिए।

विद्युतकार द्वारा उपयोग में आने वाले औजारों को निम्न दो भागों में बांटा गया है।

(A) टूल-फिट औजर

ये वह औजार हैं जिन्हें विद्युतकार प्राय: अपने साथ “टूल- फिट ” में रखते हैं। जैसे- पोकर, पेचकस, फ्लायर, फेज टेस्टर, इलेक्ट्रीशियन चाकू, हेक्सी इत्यादि ।

(B) अन्य औजर

ये शेष अन्य वे औजर हैं। जिनकी एक विद्युतकार को आवश्यकता पड़ती हैं। जैसे- निप्पर, ट्राई स्कवायर, स्टील स्केल, रीयर, ड्रिल मशीन, पुली पुलर वायर गेज, ब्लो लेम्प, सोल्डरिंग मेटेरियाल आदि।

हथोड़ा अनेकों प्रकार के होते हैं जैसे- बॉल पिन, क्रॉस पिन, स्टेट पीन, रिवोर्टिंग स्लेज शॉट आदि। विद्युतकार के लिए 400 ग्राम वाला बाल पिन हथोड़ा उपयोग होता है। इसका मुख्य भाग फेस पिन, आई हॉल, चीक व हैंडिल होता है। इसका उपयोग कील ठोकने गिट्टी का रावल फ्लैग टोकने कीजल की सहायता से लकड़ी दीवार आदि में छेद करने में किया जाता है।

छैन (Chiesel) किसे कहते हैं?

ये मुख्यत: दो प्रकार की होती है कोल्ड तथा हॉट। हॉट छैनी का उपयोग लोहार खानों में किया जाता हैं। एवं कोल्ड छैनी सामान्यता क्रॉस-कट लेट, राउंड-नोज डायमंड प्वाइंट का माउंट साउथ कटिंग प्रकार की होती है।

विद्युतकार के लिए दो प्रकार की छैनी की आवश्यकता होती है (1) फार्मर छैनी (2) कोल्ड छैनी।

रेती (File) किसे कहते हैं?

ये एक कटिंग टूल है और सभी प्रकार के कारीगर इसका प्रयोग करते हैं। इसका उपयोग किसी जॉब को सही आकार और फर्निशिंग देने के लिए किया जाता है। इसके मुख्य भाग टैंग, सॉल्डर, हील, फेस, एज पॉइंट आदि भाग होते हैं।

हैक्सा (Hacksaw) किसे कहते हैं?

यह लोहा आदि धात्विक वस्तुओं को काटने वाली भारी होती है । इसमें मुख्यतः एक हैंडल, एड्जस्टेबिल कैम्प, ब्लेड आदि भाग होते हैं। विद्युतकार इसका उपयोग धातु की चादरों, पाइपों, तारों, नट बोल्ट को काटने में करता है।

निपर (Nipper) किसे कहते हैं?

इसे “साइड कटिंग प्लायर” या ‘डायगोनल कटर’ कहते हैं। इसकी लंबाई 15 सेंटीमीटर होती है इसका उपयोग तांबे एल्यूमीनयम के पतले तारों को काटने में करते हैं।

स्पैनर सेट ( Spanner Set) किसे कहते हैं?

स्पैनर प्राय: 6 से 19 की संख्या में सेट के रूप में उपलब्ध होते हैं। इनके जबड़े का आकार इनका आकार कहलाता है। यह कहीं प्रकार के होते हैं जैसे- सिंगल एण्टेड, डबल एंडिंग, रिंग बॉक्स स्पेशल आदि इनके द्वारा नट-बोल्ट कसे व खोले जाते हैं।

इलेक्ट्रिक ड्रिल मशीन ( Electric Drill Machine) किसे कहते हैं?

वैद्युतिक वायरिंग लकड़ी या धात्विक वस्तुओं में तेजी से छेद करने के लिए हाथ में पकड़ कर चलायी जाने वाली छोटी इलेक्ट्रिक मशीन प्रयोग की जाती हैं।

वायर गेज (Wireh Aage) किसे कहते हैं?

यह स्टील का एक वृत्ताकार चकती होती है। इसकी परिधि पर SWG नव वाले खाचे के बने होते हैं। इसका उपयोग आर्मेचर की बाइडिंग में प्रयोग किए जाने वाले तांबे के तारों का व्यास मापने के लिए किया जाता है। SWG – ( Stardard Wire Houge) यह एक ब्रिटिश माप प्रणाली है।

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